Tuesday, January 18, 2011

हाथों को हाथों को छूटते हुए देखा है आज.

दिल टूटता हुआ किसी का हमने देखा है आज,
अश्कों को दिल में सिमटते हुए किसी को  हमने देखा है आज.
आज जाना क बेवफाई क्या चीज़ है ,
जब किसी को बेवफाई करते हुए देखा है आज.
वो बेवफा जिसने की बेवफाई उसके साथ,
उसी बेवफा क लिए तेरेस्ते हुए उसे देखा है आज.
वादा किया था उस ने हमेशा साथ निभाने का,
पर उन्ही वादों को टूटते हुए हमने देखा है आज.
हाथों  को हाथों  को  छूटते  हुए देखा है आज.

2 comments:

  1. Very sensible and powerful wordings, you should keep up writing!

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  2. Very sensible and powerful wordings, you should keep up writing!

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