आसूं ना होते तो, इन आखों क दर्द की कोई एहमियत ना होती.
गर मिल जाती सपनो की मजिल इतनी आसानी से,
तो उस खुदा की रहमत की कोई एहमियत ना होती.
.........................................................................................................................................................
चाहत यही क उन्हें चाहे जान से जयादा,
चाहत यही क उन्हें ख़ुशी दें उनके अरमान से जयादा.
बेशक भुला बैठे हैं वो आज हमें,
पर चाहत यही क उन्हें चाहे हम हमारी चाहत से जयादा.
........................................................................................................................................
हर पल उनके बिताना मुश्किल हुआ,
चाहा तो बहोत पर दूर जाना मुश्किल हुआ.
क्यों हो गए वो इस कदर अपने,
के उनकी गलती पर भी रूठ जाना मुश्किल हुआ.
...........................................................................................................................................
वफ़ा करके भी बेवफाई का इलज़ाम ले गए,
सब भुला केर भी रुसवाई का इलज़ाम ले गए.
वो आने का वादा दे केर भी बेवफाई का इलज़ाम ले गए.
हम तो खड़े थे उनकी रह में,
और वो ज़नाजे को गले लगा केर खुदाई का इलज़ाम ले गए
....................................................................................................................................................
वो सामने बैठे इस कदर क उन्हें पास बुलाने की चाहत हो गई,
वो पास आये इस कदर क उन्हें दिल में सामने की चाहत हो गई.
ना जाने कैसी कशिश थी उनकी आँखों में,
के तैरना आता था फिर भी डूब जाने की चाहत हो गई.
..........................................................................................................................................
मैं ही थाम सकूँ हाथ उनका,
मुझ पर इतनी इबादत केर दे.
वो रह ना पाए एक पल भी मेरे बिना,
इ खुदा तू उनको मेरी इतनी आदत केर दे.
..........................................................................................................................................
सोअचा बात ना करके सताए उनको,
किसी का नाम लेकर जलाएं उनको.
पर चोट उन्हें लगे तो दर्द हमें होता है,
अब कोई बताये क किस तेरेह हम सताए उनको.
.........................................................................................................................................
तेरे अकेलेपन में साथ तेरा हम निभाएंगे,
तेरी तनहाइयों में तेरे साथ हम आयेंगे.
तू एक बार हमें आजमा केर तो देख,
खुद रो कर भी तुझे हसन कर ही जायेंगे.
............................................................................................................................................
अपनी हर ख़ुशी पर तेरा नाम लिख दूं,
तेरे हर गम पे अपना नाम लिख दूं.
इतना प्यार दूँ तुझे के,
तेरे साथ एक पल बिताने के लिए, अपनी पूरी ज़िन्दगी भी तेरे नाम लिख दूं.
..........................................................................................................................................
तुझे धड़कन बनाकर अपने दिल में छुपालूं ,
तुझे एक खवाब बनाकर अपनी आँखों में छुपालूं.
कोई चुरा ना सके तुझे मुझसे कभी,
अपनी बाहों में तुझे इस कदर छुपालूं.
.......................................................................................................................................
ऐसे ना रूठो तुम हमसे,हम बिखेर जायेंगे.
ऐसे मुह ना मोड़ो तुम हमसे,हम फिर लौट कर नहीं आयेंगे.
कैसे देख पाओगे तुम अपने खवाबों में हमें,
जब तुम बिन ये दुनिया ही छोड़ कर चले जायेंगे.
.........................................................................................................................................
छुप छुप कर तुझे देखना अच्हा न्लागता है,
खुद को तुझमे छुपा लेना अच्छा लगता है.
तुमसे झगड़ना कौन चाहता है,
पर तुम्हारा यूँ प्यार से रूठ जाना अच्छा लगता है.
.................................................................................................................................
क्यों ज़िन्दगी में रिश्तों की एहमियत बदल जाती है,
क्यों किसी की आँखों में अपने लिए चाहत बदल जाती है.
चाहत तो परिंदों की भी होती है आसमान से,
पर क्यों वक़्त क साथ वो सब चाहत भी बदल जाती है.
चाह क भी कभी क्या समझें हम ज़िन्दगी को,
जहाँ रिश्ते नाते तो क्या अपनी परछाई तक बदल जाती है.
.................................................................................................................................
क्यों ज़िन्दगी इस तेरेह रुख बदल जाती है,
क्यों हर ख़ुशी गम में तब्दील होती चली जाती है.
न जाने कौन सा कर्ज है मेरा ज़िन्दगी पर,
क हेर मोड़ पर ये मेरे अस्तित्व का इम्तिहान लिए चली जाती है.
..............................................................................................................................
बेशक केर तू महोब्बत सबसे पर अपने दिल को खुद से जुदा न कर
ये दुनिया बड़ी टेडी चीज़ है मेरे दोस्त
बेशक केर तू ऐतबार इसका,पर खुद से यूँ दगा न कर.
नहीं लगाएगा कोई मरहम तेरे ज्हख्मों पर, तो इन्हें यूँ भरी महफ़िल में यूँ ब्यान न कर.
बेशक कर तू महोब्बत इससे, पर अपने दिल को खुद से जुदा न कर.
..........................................................................................................
तू रख खुद पे विश्वास, खुद से खुद को जुदा न कर,
तू उस अल्लाह का बंद है याद रख, खुद से यूँ बेवफाई न कर.
न चल पायेगा एक कदम भी तू उसकी रहमत क बगेर,
तो खुद को उसकी पनाहों से यूँ जुदा ना कर.
तू रख खुद पे विश्वास, खुद को खुद से यूँ जुदा न कर.
......................................................................................................
ना जाने कब ख़तम हो जाएँ ये खवाहिशें
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
..........................................................................................................
तू रख खुद पे विश्वास, खुद से खुद को जुदा न कर,
तू उस अल्लाह का बंद है याद रख, खुद से यूँ बेवफाई न कर.
न चल पायेगा एक कदम भी तू उसकी रहमत क बगेर,
तो खुद को उसकी पनाहों से यूँ जुदा ना कर.
तू रख खुद पे विश्वास, खुद को खुद से यूँ जुदा न कर.
......................................................................................................
कभी उन्हें मनाके, खुद रूठ जाना अच्हा लगता है,
कभी उनके दिल में अरमान जगाके , उन्हें सताना अच्हा लगता है.ना जाने कब ख़तम हो जाएँ ये खवाहिशें
पर कभी अपनी खवाहिशें छोड़, उनका साथ निभाना अच्हा लगता है.
कभी उन्हें मनाके, खुद रूठ जाना अच्हा लगता है.---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
तनहा अकेलेबैठे किसी के इंतज़ार मे में
खुद को सिमटते हुए बैठे हैं पलके बिछाये.
ना जाने कब होंगे हम उनसे रूबरू ,
बैठे हैं इसी खवाब को नैनो में सजाये हुए.
...................................................................................................................................
न जाने किसका इंतज़ार कर रही हैं ये आँखें,
न जाने किसकी आहटें सुन रहा है ये दिल,
क्या ये मेरी उमर का एहसास है ये कुछ और।
न जाने किस अजनाबी का चेहरा महसूस केर रही हैं धड़कने,
न जाने किसे देख केर शर्मा जाती हैं ये आँखें,
क्या ये किसी क आने की दस्तख है या कुछ और।
न जाने किसकी बातों से मुस्कुरा उठती हूँ मैं,
न जाने किसकी याद से सहम उठता है ये दिल,
क्या ये किसी क साथ होने की खवाहिश है या कुछ और।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------
क्यों चाहते हैं किसी को हम इतना क चाहता ही कम पड़ जाये,
क्यों मानते हैं हम कसी को इतना क एहसास ही कम पड़ जाएँ।
ये तो खुद खुदा भी नहीं जनता क्यों करते हैं किसी से इतनी महोब्बत
क खुद की जिंदगी से महोबत कम पड़ जाएँ।
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
अपने आंसूं उन्हें मत दिखा, जिन्हे इनकी कीमत नहीं।
अपने झखम उन्हें मत दिखाओ, जिनके पास इसका मरहम नहीं।
महोब्बत को अपने दिल में ही दबके रख बेशक,
पर उन्हें मत दिखाओ , जिन्हे इसकी कोई एहमियत नहीं।।
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
इन पन्नों पैर अपने दिल कि कहानी लिख दी हमने,
किसी के सहारे कि गुलामी छोड़ दी हमने।
बहोत भीगा चुके हम ज़िन्दगी के पन्नों को अपने आंसुओं से,
बस अब आंसूं बहाने कि आदत पुराणी छोड़ दी हमने।।
-----------------------------------------------------------------------------------------------------------
तपन सूरज से होती है, तपना धरती को पड़ता है ।
महोब्बत आँखों से होती है, तड़पना दिल को पड़ता है।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------
न जाने किसका इंतज़ार कर रही हैं ये आँखें,
न जाने किसकी आहटें सुन रहा है ये दिल,
क्या ये मेरी उमर का एहसास है ये कुछ और।
न जाने किस अजनाबी का चेहरा महसूस केर रही हैं धड़कने,
न जाने किसे देख केर शर्मा जाती हैं ये आँखें,
क्या ये किसी क आने की दस्तख है या कुछ और।
न जाने किसकी बातों से मुस्कुरा उठती हूँ मैं,
न जाने किसकी याद से सहम उठता है ये दिल,
क्या ये किसी क साथ होने की खवाहिश है या कुछ और।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------
क्यों चाहते हैं किसी को हम इतना क चाहता ही कम पड़ जाये,
क्यों मानते हैं हम कसी को इतना क एहसास ही कम पड़ जाएँ।
ये तो खुद खुदा भी नहीं जनता क्यों करते हैं किसी से इतनी महोब्बत
क खुद की जिंदगी से महोबत कम पड़ जाएँ।
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
अपने आंसूं उन्हें मत दिखा, जिन्हे इनकी कीमत नहीं।
अपने झखम उन्हें मत दिखाओ, जिनके पास इसका मरहम नहीं।
महोब्बत को अपने दिल में ही दबके रख बेशक,
पर उन्हें मत दिखाओ , जिन्हे इसकी कोई एहमियत नहीं।।
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
इन पन्नों पैर अपने दिल कि कहानी लिख दी हमने,
किसी के सहारे कि गुलामी छोड़ दी हमने।
बहोत भीगा चुके हम ज़िन्दगी के पन्नों को अपने आंसुओं से,
बस अब आंसूं बहाने कि आदत पुराणी छोड़ दी हमने।।
-----------------------------------------------------------------------------------------------------------
तपन सूरज से होती है, तपना धरती को पड़ता है ।
महोब्बत आँखों से होती है, तड़पना दिल को पड़ता है।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------
miyan sonia ali khan....mst h sare ke saare
ReplyDeleteLast one is gem!
ReplyDelete